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सोमवार, 29 मार्च 2010

नलिनी मुरुगन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी नलिनी मुरुगन को समय से पहले नहीं छोड़ा जाएगा। तमिलनाडु सरकार ने तय किया है कि नलिनी को पूरी सजा काटनी होगी। इससे पहले उसे नहीं छोड़ा जा सकता है। नलिनी इस समय वेल्लोर की विशेष जेल में बंद है।

एडवोकेट जनरल पीएस रमन ने मद्रास हाईकोर्ट को भरोसा दिलाया था कि सरकार इस संबंध में गठित सलाहकार समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर नलिनी की रिहाई पर अंतिम निर्णय सोमवार को ले लेगी। इस रिपोर्ट की एक प्रति हाईकोर्ट में 11 मार्च को दाखिल की गई थी। रमन ने यह भी कहा था कि सरकार को सलाहकार समिति से एक स्पष्टीकरण की दरकार थी।

नलिनी की मौत की सजा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद पहले ही उम्र कैद में बदला जा चुका है। सलाहकार समिति ने नलिनी व 10 अन्य कैदियों से 20 जनवरी को मुलाकात की थी। इस आधार पर उसने फरवरी के पहले सप्ताह में रिपोर्ट तैयार की थी।

1991 में गिरफ्तार की गई नलिनी ने तमिलनाडु कारावास अधिनियम व सीआरपीसी की धारा 433 ए के तहत अपनी जल्द रिहाई की मांग की थी। सीआरपीसी की इस धारा में उम्र कैद की सजा काट रहा कैदी 14 वर्ष जेल में बिताने के बाद रिहाई के लिए गुहार लगा सकता है।

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