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बुधवार, 31 मार्च 2010


संसद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का फाइल फोटो पीटीआई फोटो

  • शिक्षा का अधिकार कानून कल से होगा लागू


नयी दिल्ली, 31 मार्च : शिक्षा को सभी बच्चों का मौलिक अधिकार बनाने वाला ऐतिहासिक कानून कल से लागू हो जाएगा। यह सीधे तौर पर लगभग एक करोड़ बच्चों को फायदा पहुंचायेगा, जो अभी स्कूल नहीं जाते हैं।

यह कानून कितना अहम है, इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक अभूतपूर्व कदम उठाते हुए कल राष्ट्र को संबोधित करेंगे और इस कानून के विभिन्न पहलुओं का जिक्र करेंगे।

स्कूल में बीच में ही पढ़ाई छोड़ चुके बच्चे या कभी किसी शैक्षणिक संस्थान की चौखट तक भी नहीं पहुंच सकने वाले लगभग 92 लाख बच्चें प्राथमिक शिक्षा पा सकेंगे क्योंकि यह कानून छह से 14 आयु वर्ग के सभी बच्चों को स्कूल पहुंचाने के कार्य को सुनिश्चत करने के लिये स्थानीय और राज्य सरकार सरकारों पर बाध्यकारी होगा।

कंेद्र और राज्य सरकारों द्वारा इस कानून से जुड़े सभी मुद्दों का हल कर लिये जाने और 55:45 के अनुपात में कोष की साझेदारी पर सहमत होने के बाद इसे लागू किया जा रहा है।

जारी

सोमवार, 29 मार्च 2010

नेपाल के लिए चीन और भारत बराबर

prachandकाठमांडू। नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्नी पुष्पकमल दहल प्रचंड ने भारत में जारी माओवादी गतिविधियों से नेपाली माओवादियों के तार जुड़े होने की आशंकाओं को निमरूल करार देते हुए आज कहा कि मित्न देश भारत में इसे लेकर भ्रामक प्रचार किया जा रहा है।



प्रचंड ने यहां योग गुरू स्वामी रामदेव के योग विज्ञान शिविर में योग साधाव रूप में भाग लेने के बाद भारत से आए पत्नकारों से कहा कि नेपाली माओवादियों के तार भारत में जारी माओवादी गतिविधियों से जुड़े होने की आशंकाएं निमरूल हैं। दोनों देशों के माओवादियों में संगठनात्मक और संरचनात्मक अंतर है।



नेपाली व म्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) (यूएनसीपीएम) अधयक्ष ने कहा, हमारे लिए नेपाल की जनता के हित सर्वोपरि हैं और भारत के साथा पारस्परिक संबंधों में प्रगाढता लाना हमारा मुख्य ध्येय है। हालांकि एक प्रश्न के उत्तर में प्रचंड ने कहा कि नेपाल के लिए चीन का महत्व कम नहीं है। उनकी नजर में नेपाल का संबंध भारत और चीन के साथा बराबर का होना चाहिए।



तमाम बाधाओं के कारण संविधान निर्माण का काम निर्धारित अवधि में पूरा नहीं हो पाने की खबरों के बारे में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा, संविधान बनाने का काम समय पर समाप्त करने की पूरी कोशिश की जा रही है और मुझे उम्मीद है कि यह काम समय पर पूरा हो जाएगा।



योग साधाना के महत्व पर प्रकाश डालते हुए यूएनसीपीएम अध्यक्ष ने कहा कि नेपाल में साम्यवाद और योग विज्ञान के संयुक्त प्रयास से शांति एवं भौतिक और दैहिक खुशहाली लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अपने जल संसाधानों का इस्तेमाल कर नेपाल बिजली उत्पादन के क्षेत्न में उचित मुकाम हासिल कर सकता है और पड़ोसी देश भारत को भी बिजली की आपूर्ति कर सकता है। इस बारे में उन्होंने प्रधानमंत्नी के रूप में भारत के राजकीय दौरे पर वहां की सरकार से विचार विमर्श किया था।



इससे पहले प्रचंड ने दीप प्रज्वलित करके आज के शिविर की शुरूआत की । इस अवसर पर उन्होंने योग और आयुर्वेद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अपने अनुभव बांटे। यूएनसीपीएम अधयक्ष के अनुसार, उन्होंने अपने जीवन में भी योग और आयुर्वेद का महत्व महसूस किया है।



इससे पहले स्वामी रामदेव ने भी कहा कि माओवाद और योग-विज्ञान एवं अधयात्म के योग से नेपाल में शांति एवं समृद्धि का इतिहास रचा जाएगा। उन्होने कहा कि नेपाल यदि अपनी जवानी, जंगल, जड़ी-बूटियों एवं अन्य
प्राकृतिव संसाधानों का उचित इस्तेमाल करे तो वह समृद्ध राष्ट्र बनकर उभरेगा। उन्होने कहा कि केवल जल स्रोतों का इस्तेमाल करके ही नेपाल की अर्थाव्यवस्था विकसित हो सकती है।

सतवंत सिंह और एम्स

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का हत्यारा सतवंत सिंह यह जानने को उत्सुक था कि दिवंगत नेता को कितनी गोलियां लगी थी. इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के चिकित्सक ने यह दावा किया है. गौरतलब है कि इस दिवंगत नेता के शव पर इस तरह के 30 गहरे जख्म थे.

इस वक्त एम्स के फोरेंसिक विभागाध्यक्ष का पद संभाल रहे डा. टीडी डोगरा उस वक्त सहायक प्राध्यापक थे, जब उन्हें दो अन्य विशेषज्ञों के साथ इस दिवंगत नेता के शव का पोस्टमार्टम करने के काम में लगाया गया था. डोगरा ने बताया कि अदालत में मुकदमे की सुनवाई के दौरान जब वह अभियोजन पक्ष के गवाह के रूप में पेश हुए, उस वक्त उनका सिंह से आमना सामना हुआ था.

विश्राम के दौरान, वे शौचालय गये जहां उनकी मुलाकात सिंह से हुई. डोगरा ने बताया कि सतवंत सिंह ने वहां उन्हें व्यंग्यपूर्ण लहजे में कहा, ‘‘माफ कीजिए डाक्टर साहब, मेरी वजह से आपको तकलीफ हो रही है.’’ उसने डा डोगरा से पंजाबी लहजे में हिंदी में कहा, ‘‘उन्हें कितनी गोलियां लगी थी?’’ हालांकि, चिकित्सक से उसे इसका कोई जवाब नहीं मिला.

गौरतलब है कि हत्या के बाद बेअंत सिंह को सरुक्षाकर्मियों ने मार गिराया था, जबकि सतवंत सिंह को 10 गोलियां लगी थी और उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सतवंत को एक अन्य सहयोगी कहार सिंह के साथ मौत की सजा सुनाई गई, जिसे छह जनवरी, 1989 को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई.

डा. डोगरा ने बताया, ‘‘शुरूआत में मुझे एक पुलिसकर्मी से पता चला कि गोली लगने के बाद उनको :इंदिरा को: एम्स लाया गया है. मुझे 31 अक्तूबर 1984 को ढाई बजे पोस्टमार्टम करने के लिये एक फोन आया. मैं डा. डीवी सहारन और डा. पीसी दीक्षित के साथ था.’’ उनके द्वारा तैयार की गई पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक इंदिरा की मौत गोलियों के जख्म से अधिक मात्रा में खून बहने के कारण हुई.

डा. डोगरा ने बताया, ‘‘हमलावरों ने उन पर 31 गोलियां चलाई थी, जिसमें से उन्हें 30 गोलियां लगी. 23 गोलियां तो उनके शरीर को भेदते हुए बाहर निकल गई, जब सात गोलियां शरीर के अंदर ही रह गई थी.’’ उन्होंने बताया कि इस दिवंगत नेता का पोस्टमार्टम ऑपरेशन कक्ष में ही दोपहर तीन बजे शुरू किया गया और यह प्रक्रिया लगभग शाम साढ़े पांच बजे तक चली.

नलिनी मुरुगन

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में दोषी नलिनी मुरुगन को समय से पहले नहीं छोड़ा जाएगा। तमिलनाडु सरकार ने तय किया है कि नलिनी को पूरी सजा काटनी होगी। इससे पहले उसे नहीं छोड़ा जा सकता है। नलिनी इस समय वेल्लोर की विशेष जेल में बंद है।

एडवोकेट जनरल पीएस रमन ने मद्रास हाईकोर्ट को भरोसा दिलाया था कि सरकार इस संबंध में गठित सलाहकार समिति की रिपोर्ट के मद्देनजर नलिनी की रिहाई पर अंतिम निर्णय सोमवार को ले लेगी। इस रिपोर्ट की एक प्रति हाईकोर्ट में 11 मार्च को दाखिल की गई थी। रमन ने यह भी कहा था कि सरकार को सलाहकार समिति से एक स्पष्टीकरण की दरकार थी।

नलिनी की मौत की सजा को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के हस्तक्षेप के बाद पहले ही उम्र कैद में बदला जा चुका है। सलाहकार समिति ने नलिनी व 10 अन्य कैदियों से 20 जनवरी को मुलाकात की थी। इस आधार पर उसने फरवरी के पहले सप्ताह में रिपोर्ट तैयार की थी।

1991 में गिरफ्तार की गई नलिनी ने तमिलनाडु कारावास अधिनियम व सीआरपीसी की धारा 433 ए के तहत अपनी जल्द रिहाई की मांग की थी। सीआरपीसी की इस धारा में उम्र कैद की सजा काट रहा कैदी 14 वर्ष जेल में बिताने के बाद रिहाई के लिए गुहार लगा सकता है।

अमिताभ बच्चन ब्रैंड ऐंबैसडर

बीजेपी के सीनियर नेता और ओलिंपिक संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विजय कुमार मल्होत्रा ने कहा है कि बॉलिवुड के

मेगास्टार अमिताभ बच्चन की छवि को मद्देनजर रखते हुए उन्हें भारत में होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों का मुख्य ब्रैंड ऐंबैसडर बनाया जाना चाहिए। मल्होत्रा राष्ट्रमंडल खेलों के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य भी हैं। उन्होंने इस संबंध में ओलिंपिक संघ और राष्ट्रमंडल खेलों की आयोजन समिति के अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी को पत्र लिख कर यह सुझाव दिया है।

मल्होत्रा ने अपने पत्र में लिखा है कि राष्ट्रमंडल खेल भारत के इतिहास में मील का पत्थर साबित होंगे जिनमें भारत की खेल प्रतिभा का ही नहीं, बल्कि देश की सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रदर्शन होगा। इसलिए राष्ट्रमंडल खेलों के लिए ब्रैंड ऐंबैसडर की नियुक्ति बहुत महत्वपूर्ण होगी। उन्हें देश का प्रतिनिधित्व करने में गर्व महसूस होगा। वह धन के लिए नहीं, बल्कि देश के हित में ऐसा करेंगे। इसके लिए हम अमिताभ बच्चन के नाम का सुझाव देते हैं। इस संबंध में मेरा सुझाव है कि राष्ट्रमंडल खेलों के मुख्य ब्रैंड ऐंबैसडर के तौर पर अमिताभ बच्चन को नियुक्त करना चाहिए जो देश की मध्य पीढ़ी का भी प्रतिनिधित्व करते हैं। इतना ही नहीं वह देश के युवाओं के लिए भी आदर्श हैं।

अमिताभ 1982 के दिल्ली एशियाड खेलों के भी ब्रैंड ऐंबैसडर रहे हैं। उन्हें फिर से यह सम्मान दिया जाना चाहिए। मल्होत्रा ने लिखा कि कुछ ब्रैंड ऐंबैसडर की घोषणा की जा चुकी है और कुछ के नाम जल्द ही घोषित किए जाने हैं। ऐसे में केवल साफ सुथरी छवि वाले ऐसे सिने स्टार्स, खिलाड़ियों और अन्य मशहूर हस्तियों को यह जिम्मेदारी सौंपी जानी चाहिए जो धन लिए बगैर इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए तैयार हों।

गुरुवार, 25 मार्च 2010

नैनो में आग

जब सतीश सावंत मालाओं से सजी अपनी नई-नवेली नैनो को लेकर शोरूम से निकले, तो उनका मन झूम रहा था। घर पर उनके परिवारवाले भी अपनी नई
गाड़ी का इंतजार कर रहे थे। लेकिन उन्होंने सोचा भी नहीं था कि वह घर गाड़ी को नहीं, बल्कि बस एक बुरी खबर लेकर जाएंगे।

सावंत की कार को एक डीलर का एक एम्पलॉयी सावंत के घर लेकर जा रहा था, लेकिन शोरूम से निकलते ही गाड़ी में आग लग गई। कुछ ही देर में गाड़ी और उसके साथ सावंत की उमंगें धू-धू कर जल गईं।

इस घटना से टाटा मोटर्स को भी बड़ा सदमा लगा है। उसे समझ नहीं आ रहा है कि ऐसा कैसे और क्यों हुआ। कंपनी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हम अब भी नहीं समझ पा रहे हैं कि ऐसा कैसे हुआ और इसके पीछे वजहें क्या थीं।

इससे पहले भी कुछ ऐसी घटनाएं हुई थीं, जब नैनो में धुआं उठने लगा था। लेकिन कंपनी का कहना है कि इस घटना और पहले हुई घटनाओं में कोई कनेक्शन नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि यह एक अलग घटना है और इसका पहले हुई घटनाओं से कोई लेनादेना नहीं है। प्रवक्ता के मुताबिक कार से धुआं निकलने की घटनाएं एक स्विच में फॉल्ट की वजह से हुई थीं। इसके लिए सड़क पर आ चुकी सभी गाड़ियों के पार्ट्स की अच्छी तरह से जांच कर ली गई थी।

कंपनी ने सावंत की गाड़ी में लगी आग की जांच शुरू कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट में फिर होगी महिला जज

नई दिल्ली चार साल के अंतराल के बाद सुप्रीम कोर्ट में फिर एक महिला जज के आने की तैयारी है। कॉलेजियम ने झारखंड हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा के नाम को हरी झंडी दे दी है। सूत्रों ने बताया कि जस्टिस मिश्रा के साथ मद्रास हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस एचएन गोखले के नाम को भी मंजूरी दी गई है।



इनके नाम राष्ट्रपति की स्वीकृति के लिए विधि मंत्रालय को भेज दिए गए हैं। इस समय सुप्रीम कोर्ट में 28 जज हैं जबकि जजों की स्वीकृत संख्या 32 है। उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के स्वर्ण जयंती वर्ष में नियुक्त जस्टिस रूमा पाल 2006 में रिटायर हो गई थीं।



जस्टिस ज्ञानसुधा मिश्रा झारखंड हाईकोर्ट की पहली महिला चीफ जस्टिस हैं। उन्हें 1994 में पटना हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया था। वे राजस्थान हाईकोर्ट में भी करीब 14 साल जज रह चुकी हैं। उनके पिता सतीश चंद्र मिश्रा पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे।